ग्वालियर की शान गोपाचलपर्वत डा . अनेकान्त कुमार जैन राजघराने , धर्म इतिहास , पुरातत्व , कला , संस्कृति एवं साहित्य के लिए ग्वालियर शुरू से ही विख्यात है। जैन धर्मावलम्बियों के लिए यह स्थल अत्यंत पूजनीय इसलिए भी है क्योंकि जैन धर्म के तेईसवें तीर्थकर भगवान पा र्श्वनाथ कई बार विहार करते हुए यहां पधारे थे और अपनी दिव्य ध्वनि से उन्होंने यहां उपदेश भी दिया था। इस बात का प्रमाण साहित्य में तो मिलता ही है , साथ ही ग्वालियर की शान गोपाचलपर्वत पर उत्कीर्ण लगभग सात सौ वर्ष प्राचीन बयालीस फुट ऊंची तथा तीस फुट चौडी पद्मासन मुद्रा में तीर्थकरभगवान पा र्श्वनाथ की प्रतिमा मानो वर्तमान में भी भगवान के समवशरण और दिव्य देशना का आनन्द दे रही प्रतीत होती है। तीर्थकर पा र्श्वनाथ का देशना स्थल गोपाचल के गौरवपूर्ण इतिहास में यह भी अंकित है कि अंतिम श्रुतकेवली आचार्य भद्रबाहु गिरना...