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Showing posts from 2025

आचार्य समन्तभद्र

भारतभूषण आचार्य समन्तभद्र स्वामी का अपराजित              व्यक्तित्व एवं अनुपम कृतित्व–                  प्रोफेसर फूलचंद जैन प्रेमी, वाराणसी               संपूर्ण भारतीय मनीषा के विकास में तीसरी शताब्दी के महान् मनीषी जैनन्याय के प्रतिष्ठापक आचार्य समन्तभद्र स्वामी का बहुमूल्य योगदान है। आचार्य शुभचंद्र  तो आपकी कृतियों और आपके अजेय व्यक्त्तित्व से इतने प्रभावित हुए कि आपको‘समंतभद्रो भद्रार्थो भातु भारतभूषण:’ कहकर ‘भारतभूषण’ जैसी  गौरवपूर्ण उपाधि तक से विभूषित किये बिना नहीं रह सके।    आपका विस्तृत जीवन परिचय नहीं मिलता। क्योंकि इन्होंने अपनी कृतियों में कहीं कहीं प्रकारान्तर से स्वयं अपने विषय में थोड़े -बहुत ही संकेत दिए हैं। फिर भी परवर्ती साहित्यिक और शिलालेखीय उल्लेखों के आधार पर श्रेष्ठ विद्वानों ने आपके जीवन के विषय में काफी अनुसंधान किया है, तदनुसार आप दक्षिण भारत के चोलराजवंशीय क्षत्रिय महाराजा उरगपुर के सुपुत्र थे। इनके बचपन का नाम शांतिवर्...

प्रमुख जैन ग्रंथ और उनके आचार्य

📖 *प्रमुख जैन ग्रंथ और उनके रचयिता* 📖 1. षट्खंडागम - आचार्य पुष्पदंत, आचार्य भूतबलि 2. समयसार - आचार्य कुंदकुंद 3. नियमसार - आचार्य कुंदकुंद 4. प्रवचनसार - आचार्य कुंदकुंद 5. अष्टपाहुड़ - आचार्य कुंदकुंद 6. पंचास्तिकाय - आचार्य कुंदकुंद 7. रयणसार - आचार्य कुंदकुंद 8. दश भक्ति - आचार्य कुंदकुंद 9. वारसाणुवेक्खा - आचार्य कुंदकुंद 10. तत्त्वार्थसूत्र - आचार्य उमास्वामी 11. आप्तमीमांसा - आचार्य समन्तभद्र 12. स्वयंभू स्तोत्र - आचार्य समन्तभद्र 13. रत्नकरण्ड श्रावकाचार - आचार्य समन्तभद्र 14. स्तुति विद्या - आचार्य समन्तभद्र 15. युक्त्यनुशासन - आचार्य समन्तभद्र 16. तत्त्वसार - आचार्य देवसेन 17. आराधना सार - आचार्य देवसेन 18. आलाप पद्धति - आचार्य  देवसेन 19. दर्शनसार - आचार्य  देवसेन 20. भावसंग्रह - आचार्य  देवसेन 21. लघु नयचक्र - आचार्य  देवसेन 22. इष्टोपदेश - आचार्य पूज्यपाद (देवनन्दी) 23. समाधितंत्र - आचार्य पूज्यपाद (देवनन्दी) 24. सर्वार्थसिद्धि - आचार्य पूज्यपाद (देवनन्दी) 25. वैद्यक शास्त्र - आचार्य पूज्यपाद (देवनन्दी) 26. सिद्धिप्रिय स्तोत्र - आचार्य पूज्यपाद (देवनन्...

पुरानी दिल्ली के जैन मंदिर

🔔 राजधानी दिल्ली की पुरानी गलियाँ न केवल इतिहास की कहानियाँ कहती हैं, बल्कि आस्था और चमत्कारों से भरे हुए मंदिरों को भी समेटे हुए हैं। पुरानी दिल्ली की संकरी गलियों में विशालतम मंदिरों की इस यात्रा में आपको जैनधर्म की समृद्ध परंपरा, अद्भुत वास्तुकला और चमत्कारों के दर्शन होंगे। तो चलिए, इस आध्यात्मिक जिनदर्शन यात्रा पर चलते हैं - और यदि आपने इन तीर्थ - मंदिरों के दर्शन किये हैं तो अपनी निजी अनुभूति अवश्य बतायें -  स्थान: पुरानी दिल्ली, पिनकोड 110006 संभावित यात्रा की अवधि: 1 से 1.5 घंटे अनुमानित दूरी: केवल 1 किलोमीटर चलो पुरानी दिल्ली की गलियों में प्राचीन जैन धरोहरों की अद्भुत यात्रा पर निकलें! 1. श्री दिगम्बर जैन लाल मंदिर (दिल्ली की शान, लाल किले के सामने) जैसे ही आप चाँदनी चौक में कदम रखते हैं, आपकी नजर लाल किले के सामने खड़े भव्य श्री दिगम्बर जैन लाल मंदिर पर जाती है। •यहाँ विराजमान हैं चमत्कारी श्री 1008 पार्श्वनाथ भगवान और माँ पद्मावती। •विश्व प्रसिद्ध पक्षी अस्पताल, जहाँ घायल पक्षियों का निशुल्क इलाज होता है। •ध्यान केंद्र और चमत्कारों की अद्भुत कहानियाँ। यहाँ आते ही आपको ...