8000 जैन साधुओं के नरसंहार का इतिहास ✍️ अनुभव जैन जैन धर्म का इतिहास प्राचीनकाल से ही अत्यंत गौरवशाली रहा है, जैन परम्परा अथवा श्रमण परम्परा न मात्र भारत अपितु विश्व की सर्वाधिक प्राचीन संस्कृतियों में से एक है। भगवान महावीर के पूर्व आदिनाथ से लेकर पार्श्वनाथ तक का इतिहास जैन पौराणिक ग्रंथों में उपलब्ध होता है, जो इतिहास का एक महत्त्वपूर्ण स्रोत है। जैन संस्कृति विश्व की प्राचीनतम संस्कृति है एवं अहिंसा मूलक संस्कृति का सर्वोत्तम आदर्श है। इसकी सुरक्षा एवं वृद्धि दोनों ही आधुनिक युग के लिए न मात्र हितकारी हैं अपितु मार्गदर्शक भी हैं। इसके आश्रय से मानवता का विकास भी होता है और कल्याण भी। कहा जाता रहा है कि जैन आबादी भारत देश में पूर्व से ही अति-घनत्व के साथ अन्य परम्पराओं और संस्कृतियों को अपने साथ लिए जीवित रही है, किंतु वर्तमान समय पर दृष्टिपात करने पर जिस अनुपात में जैन जनसंख्या दिखाई देती है, उसके अनुसार यह कह पाना कि कुछ शताब्दियों पहले जैनों की जनसंख्या करोड़ों में रही है, विस्मयकारी सा प्रतीत होता है। किन्तु, इतिहास कुछ और ही कहता है। भारत वर्ष पर अनेकों जैन सम्राटों ने कई सदियो...