भारतभूषण आचार्य समन्तभद्र स्वामी का अपराजित व्यक्तित्व एवं अनुपम कृतित्व– प्रोफेसर फूलचंद जैन प्रेमी, वाराणसी संपूर्ण भारतीय मनीषा के विकास में तीसरी शताब्दी के महान् मनीषी जैनन्याय के प्रतिष्ठापक आचार्य समन्तभद्र स्वामी का बहुमूल्य योगदान है। आचार्य शुभचंद्र तो आपकी कृतियों और आपके अजेय व्यक्त्तित्व से इतने प्रभावित हुए कि आपको‘समंतभद्रो भद्रार्थो भातु भारतभूषण:’ कहकर ‘भारतभूषण’ जैसी गौरवपूर्ण उपाधि तक से विभूषित किये बिना नहीं रह सके। आपका विस्तृत जीवन परिचय नहीं मिलता। क्योंकि इन्होंने अपनी कृतियों में कहीं कहीं प्रकारान्तर से स्वयं अपने विषय में थोड़े -बहुत ही संकेत दिए हैं। फिर भी परवर्ती साहित्यिक और शिलालेखीय उल्लेखों के आधार पर श्रेष्ठ विद्वानों ने आपके जीवन के विषय में काफी अनुसंधान किया है, तदनुसार आप दक्षिण भारत के चोलराजवंशीय क्षत्रिय महाराजा उरगपुर के सुपुत्र थे। इनके बचपन का नाम शांतिवर्...