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वस्तुपाल जैन तेजपाल जैन की गौरव गाथा

वस्तुपाल तेजपाल की गौरव गाथा ।

जैन धर्म की गौरव गाथाओं की बात करे और वस्तुपाल तेजपाल की बात न हो तो वह अधूरी मानी जाती है इसे धर्मकर्ता जिनआज्ञां पलक वस्तुपाल तेजपाल दोनों भाइयो ने जैन धर्म के प्रति बहुत ही अद्भुत कार्य किये जिन्हें बताते हुए हमें बहुत ही हर्ष महसूस होता है ।

1300 शिखरबद्ध जिनालय बनाए ।

3 लाख द्रव्य खर्च करके शत्रुंजय पर तोरण बांधा ।

3202 जिनमन्दिर के जीर्णोद्धार करवाए ।

वर्ष में तीन बार संघ पूजा तथा साधर्मिक वात्सल्य करते थे ।

105000 जिन प्रतिमा भरवाई ।

984 पौशाधशालाएं बनवाई ।

1000 सिंहासन महात्माओं के लिए करवाए ।

702 धर्मशालाएं बनवाई ।

1000 दानशालाएं बनवाई ।

35 लाख द्रव्य खर्च करके खंभात में ज्ञान भंडार बनवाए ।

400 पानी की परब बनवाई ।

500 सिंहासन हाथी दांत के बनवाए ।

700 पाठशालाएं पढ़ने के लिए बनवाई ।

12 बार शत्रुंजय जी तीर्थ पर संघ ले गए ।

1000 बार संघ पूजा की ।

🙏 जय जिनेन्द्र 🙏

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