*पूर्व केंद्रीय मंत्री डॉ जोशी ने प्रो फूलचंद प्रेमी जी को दिया ऋषभदेव सम्मान*
पूर्व केंद्रीय मंत्री डॉ मुरली मनोहर जोशी जी ने मां श्री कौशल जी के सान्निध्य में 25-26 मई को आयोजित राष्ट्रीय विद्वत्संगोष्ठी एवं स्थापना दिवस समारोह के अवसर पर ऋषभांचल,गाज़ियाबाद में वाराणसी के राष्ट्रपति सम्मानित प्रो फूलचंद जैन प्रेमी जी को भारतीय ज्ञानपीठ से प्रकाशित उनकी महत्त्वपूर्ण कृति 'श्रमण संस्कृति और वैदिक व्रात्य' के लिए संस्था के सबसे बड़े पुरस्कार ऋषभदेव पुरस्कार से सम्मानित किया ।
डॉ जोशी ने उस पुस्तक को मंच पर ही पढ़ा और लेखक को हार्दिक बधाई दी ।
संस्था के अध्यक्ष श्री जीवेंद्र जैन जी ने कहा कि प्रो प्रेमी जी ने जो शोध कार्य किया है वह अद्वितीय है तथा इतिहास के नए तथ्यों को उजागर करता है । पुरुस्कार प्रदान करने वाले श्री हेमचंद जैन,दिल्ली ने कहा कि प्रो प्रेमी जी ने स्वयं तो श्रुत सेवा की ही है साथ ही अपने पूरे परिवार को भारतीय संस्कृति ,इतिहास,भाषा,दर्शन एवं पुरातत्व के क्षेत्र में सेवा हेतु प्रशिक्षित किया है । इनकी धर्म पत्नी डॉ मुन्नीपुष्पा जैन ब्राह्मी लिपि की विदूषी हैं, इनके बड़े सुपुत्र प्रो अनेकान्त कुमार जैन,नई दिल्ली प्राकृत भाषा के लिए राष्ट्रपति से सम्मानित हैं , इनकी सुपुत्री डॉ इंदु जैन,नई संसद के उद्घाटन में धर्मसभा में प्रस्तुति दे रही हैं,छोटे सुपुत्र डॉ अरिहंत जैन,मुम्बई में जैनविद्या के प्रोफैसर हैं ।
ज्ञातव्य है कि प्रो प्रेमी विगत 60 वर्षों से वाराणसी में साहित्य साधना कर रहे हैं । आप संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय,वाराणसी में जैनदर्शन विभाग के विभागाध्यक्ष रह चुके हैं । अखिल भारतवर्षीय दिगंबर जैन विद्वतपरिषद के अध्यक्ष रह चुके प्रो प्रेमी 75 वर्ष पूरे करने जा रहे हैं और आज भी भारतीय प्राचीन विद्याओं की सेवा में अहर्निश संलग्न रहते हैं ।
इस अवसर पर डॉ नरेंद्र जैन,प्रो अनेकान्त कुमार जैन आदि अनेक विद्वान एवं पत्रकार भी उपस्थित थे ।वहाँ उपस्थित अनेक श्रेष्ठी एवं पदाधिकारी गण ने प्रो प्रेमी को अनेकानेक बधाइयां एवं शुभकामनाएं दीं ।
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