मातंग वंश के घरोंमे गुंजता है णमोकार मंत्र....
आठ साल पूर्व जेष्ठ साहित्यिक, जैन धर्म के अभ्यासक, विचारवंत श्री विठ्ठल साठेजी के नेतृत्व में जैन विचार मंच की स्थापना हुई| मातंग वंश प्राचीन कालसे जैन धर्म का अविभाज्य अंग है , इस सत्य की खोज उन्होंने की और मातंग वंश के लोगो को जैन धर्म मे पुन्हा स्थितिकरण करने का प्रारंभ उन्होंने किया| मातंग वंश के लोगो को जैन धर्म का परिचय करके देना, मातंग वंश मे जैन धर्म का प्रचार, प्रसार करना यह कार्य उन्होंने शुरु किया , इस पवित्र अभियान में मातंग वंश के बहुतसे परिवार शामिल हुए| अब तक ३०० से ज्यादा परिवारोंने जैन धर्म में अपना स्थितिकरण कर लिया है| इस अभियान का परिणाम मातंग वंश के घरोंमे णमोकार मंत्र गुंजने लगा है| यह आश्चर्यकारक क्रांती है !
जैन विचार मंच के इस कार्य मे प्रस्थापित जैनोंका साथ प्राप्त हो रहा है! सभी के नाम नहीं देना संभव नही, परंतु कुछ मान्यवरोंका उल्लेख करना आवश्यक हैं| श्री. राजेन्द्र सुराणा, श्री. श्रीपाल ललवाणी, श्री.विजय पारेख, श्री.शांतीनाथ जैन, श्री.नितिन जैन, श्री.महावीर सांगलीकर, श्री.संकेत मुनोत, श्री. निलेश नवलाखा, श्री.संजय चोरडिया इ.
श्री.शंकर वाघमारे, श्री.राजेंद्र भोंडवे, श्री . अर्जुन भोंडवे,श्री.पांडूरंग दुबळे, श्री.राजेंद्र अडागळे, श्री. सनी भोंडवे,श्री. सनी अवघडे, श्री.डोलारे , श्री.दत्ता महापुरे यह प्रमुख कार्यकर्ता इस आंदोलन का नेतृत्व करत रहे है|
🙏जय जिनेंद्र!
सनी भोंडवे.
सदस्य, जैन विचार मंच.
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