. *भारतं मे प्रियं राष्ट्र, भारतं हितकारकम्* ।
*भारताय नमस्तुभ्यं, यत्र मे पूर्वजाः स्थिताः।।*
(–विश्वलोचन कोश, आचार्य धरसेन)
अर्थ- भारत मेरा प्रिय राष्ट्र है। भारत हितकारक है । अहो, मैं इस भारतवर्ष को नमस्कार करता हूँ, जहाँ कि मेरे महान पूर्वज रहे हैं।
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